वर्ष 2027 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकोनामी बन सकता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल दी पात्र ने बताया कि, भारत साल 2027 तक 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत की GDP को भौगोलिक फायदे एवं वित्तीय सेक्टर में हो रहे डेवलेपमेंट का लाभ मिलने के कारण भारत आने वाले 3 वर्ष में ही 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने एक समारोह में बताया कि, आने वाले 2 दशक में ग्लोबल अर्थव्यवस्था का ग्रेविटी सेंटर एशिया की ओर मुड़ने वाला है।
अंतर्राष्ट्रीय मोनेटरी फंड के रीजनल इकोनामिक आउटलुक में बताया गया है कि, वर्ष 2023 में एशिया एवं एशिया प्रांत क्षेत्र ग्लोबल ग्रोथ में 2 तिहाई की हिस्सेदारी करने वाले हैं। वर्ल्ड आउटलुक ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2023 एवं 2024 में छठवें हिस्से के बराबर है।
पात्र ने बताया कि, अगर मार्केट एक्सचेंज रेट के हिसाब से बात करें, तो भारत इस समय विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एवं परचेज पावर पैरिटी से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
पात्र ने बताया कि, हमारे अनुमान के अनुसार, भारत साल 2027 में 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। एवं मार्केट एक्सचेंज रेट के हिसाब से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। पात्र ने बताया कि, 1.4 अरब की जनसंख्या एवं 28 वर्षों की औसत आयु के साथ भारत की GDP आने वाले 10-12 वर्षों तक तीव्र गति से बढ़ने की संभावना है।
पात्र ने बताया कि, भारत के लोगों की बचत करने की आदत के कारण यहां के फाइनेंशियल सेक्टर की स्थिति काफी मजबूत है। एवं यह भारत के डेवलपमेंट की संभावना पर खरा उतरने के संबंध में संसाधन उपलब्ध कराने के लिहाज से काफी अच्छा कदम साबित हो सकता है।