आवेदकों को यूपीएससी की इस परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। इस परीक्षा में सामान्य वर्ग के आवेदक 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार भाग ले सकते हैं। हर भारतीय युवा का सपना होता है कि, वो आईएएस अफसर बन जाये। जिससे की वो आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआईएस या आईआरएस बनकर देश की सेवा कर सके। युवा इसके लिए अनेक वर्षों तक तैयारी करते हैं, तब कहीं उन्हें सफलता मिल पाती है।
यह परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है। जिसके पश्चात आवेदकों का चयन आईएएस, आईपीएस, आईआईएस, आईएफएस या आईआरएस अधिकारी के तौर पर होता है। परन्तु इन समस्त अधिकारीयों का काम अलग होता है। उनकी भूमिकाएं भी भिन्न होती हैं।
शैक्षिक योग्यता
यूपीएससी द्वारा संचालित सिविल सर्विसेज परीक्षा (सीएसई ) देने के लिए आवेदक का किसी भी विषय में स्नातक होना अनिवार्य है। ये परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। एवं इसके लिए आवेदकों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
परीक्षा के लिए आयु
यूपीएससी की इस परीक्षा के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। सामान्य वर्ग के आवेदक इस परीक्षा में 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार भाग ले सकते हैं। जबकि ओबीसी के आवेदकों के लिए आयु सीमा 21 से 35 वर्ष है। और इस वर्ग के आवेदक 9 बार इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। एवं एससी-एसटी के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 37 वर्ष है। और इस वर्ग के आवेदकों को परीक्षा में भाग लेने की कोई सीमा नहीं है। इसके अलावां शारीरिक रूप से फिजिकली डिसेबल (पीएच ) आवेदकों के लिए आयु सीमा 21 से 42 वर्ष है। इस वर्ग में सामान्य एवं ओबीसी आवेदक 9 बार परीक्षा दे सकते हैं। एवं एससी-एसटी के लिए कोई सीमा नहीं है।
परीक्षा के लिए आवश्यक विषय का चयन
आवेदक को इस परीक्षा के लिए कुल 25 विषयों में से अपने विषय का चयन करना है। विषय का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि, वही विषय चुनें, जिसकी पढ़ाई करना आवेदक को आसान हो। एवं आपका लगाव उस विषय में अधिक हो। किसी के कहने पर या किसी को देखकर किसी विषय का चयन न करें।
इसमें विषय का चयन कर सकते हैं–सिविल इंजीनियरिंग, बॉटनी, वेटरनरी साइंस, केमेस्ट्री, एग्रीकल्चर, मानव विज्ञानं, एनीमल हस्बेंड्री, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, भूगोल, इकोनॉमिक्स, कामर्स एवं एकाउंटेंसी, भू-विज्ञानं, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इतिहास ,मैनेजमेंट, ला, मेडिकल साइंस, फिजिक्स, फिलासफी, पॉलिटिकल साइंस एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, जूलौजी, स्टैस्टिक्स, भाषा( हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बोडो, डागरी, बंगाली, कन्नड़, गुजरती, कोकणी, मैविली, कश्मीरी, संथाति, मलयालम, सिंधी, मणिपुरी, तेलगु, उर्दू एवं तमिल ) में से किसी एक का चयन बतौर ऑप्शनल सब्जैक्ट कर सकते हैं।
आईएएस बनने के लिए परीक्षा पैटर्न
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए आवेदक को 3 स्तर की परीक्षाएं पास करनी होती हैं। इसमें सबसे पहले आवेदक को प्रिलिमिनरी परीक्षा पास करनी होती हैं। इसके पश्चात मेंस परीक्षा देनी पड़ती है। मेंस परीक्षा में पास होने वाले आवेदकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। आखिर में अच्छे नंबरों से पास हुए आवेदकों को आईएएस बनने का अवसर मिलता है।
प्री परीक्षा
प्री-परीक्षा में आवेदकों को 2-2 के पेपर करने होते हैं। पहला पेपर विषय से सम्बंधित होता है। एवं दूसरा पेपर सीसैट क्वालिफाइंग का होता है। और इसमें पास होने के लिए 33% नंबर पाना आवश्यक होता है। वहीं पहले पेपर में नंबर के आधार पर कटऑफ तैयार किया जाता है। एवं कटऑफ के तहत आवेदक मेन परीक्षा के लिए जाते हैं।
मेन परीक्षा
मेन परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं। जिसमे 2 क्वालीफाइंग ( ए एवं बी ) एवं 7 अन्य मैरिट के लिए होते हैं। लैंग्वेज आधारित दोनों क्वालीफाइंग पेपर 3 -3 घंटे के होते हैं। एक पेपर निबंध का होता है। और 3 घंटे में अपने पसंद के अलग -2 टॉपिक पर 2 निबंध लिखने होते हैं। इसके अतिरिक्त जनरल स्टडीज के 4 पेपर होते हैं। जिसके लिए 3 -3 घंटे का समय मिलता है। अंत में ऑप्शनल पेपर होता है। जिसके 2 पेपर होते हैं। एवं इसके विषय का चयन आवेदक द्वारा किया जाता है। मेंस परीक्षा की मैरिट लिस्ट में क्वालीफाइंग को छोड़कर समस्त पेपर्स से नंबर जोड़े जाते हैं।
इंटरव्यू
मेंस परीक्षा पास करने वाले आवेदक को एक डिटेल ऍप्लिकेशन फार्म भरना होता है। जिसके आधार पर पर्सनेलिटी टेस्ट होता है। फार्म में भरी गयी जानकारियों के अनुसार ही प्रश्न पूंछे जाते हैं। इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मैरिट लिस्ट बनाई जाती है। और इसी के आधार पर आल इंडिया रैंकिंग निर्धारित की जाती है।
पोस्ट रैंकिंग के आधार पर
रैंकिंग का फैसला अलग-अलग कैटेगरी ( जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्लूएस ) के आधार पर निर्धारित की जाती है। जिसके अनुसार उन्हें आईएएस, आईपीएस, या आईएफएस रैंक दी जाती है। टॉप रैंक वालों को आईएएस मिलता है। परन्तु अनेक बार टॉप रैंक वालों का रेफरेंस आईपीएस या आईआरएस होता है। तो इस वजह से निचले रैंक वालों को भी आईएएस की पोस्ट मिल सकती है। इसके बाद की रैंक वालों को आईपीएस एवं आईएफएस की पोस्ट मिलती है। इसके पश्चात चयनित आवेदकों को ट्रेनिंग दी जाती है। एक आईएएस आफिसर विभिन्न मंत्रालयों एवं प्रशासन के विभागों में नियुक्त किये जाते हैं। कैबिनेट सचिव एक आईएएस आफिसर के लिए सबसे वरिष्ठ पद होता है।