अगर आपके पास खेत है, और यदि आप खेती के जरिये अच्छी-खासी कमाई करना चाहते हैं, तो हम आपको एक शानदार बिजनेस के बारे में जानकारी दे रहे हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसे करके आप अत्यधिक कमाई कर सकते हैं। हम आपको जूट की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
वैसे भी देश के किसान अब पहले की तरह मौसमी एवं पारंपरिक खेती की तरफ कम ध्यान देते हुए नकदी फसल की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। सरकार भी जूट की खेती के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। सरकार ने जूट की पैदावार बढ़ाने एवं किसानों को अच्छे-खासे दाम दिलाने के मकसद से जूट के मूल्यों में बढ़ोत्तरी कर दी है।
गेहूं एवं सरसों की कटाई के पश्चात मार्च से अप्रैल के बीच ही जूट की बुआई की जाती है। इसलिए यह वक़्त आपके लिए शानदार अवसर है। आप चाहें तो इस समय अच्छी-खासी कमाई करने के लिए जूट की खेती हैं। और बता दें कि, विगत कुछ वर्षों से जूट सबसे उपयोगी प्राकृतिक चेहरा बनकर उभरा है।
जुट है क्या
जूट एक नकदी फसल है। जूट कापौधा चमकदार, लंबा एवं कोमल होता है। इसके रेशे इकठ्ठा करके मोटा सूत या धागा बनाया जाता है। इसी से सामानों की पैकिंग के लिए बोरे, बैग, पर्दे, दरी, टोकरियाँ एवं सजावटी वस्तुएं बनाई जाती हैं। इससे कुर्सियां एवं कागज़ बनाये जा सकते हैं। जूट के प्लांट से लुगदी बनाई जाती है। आजकल जूट की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसलिए आज जुट की फसल से अत्यधिक कमाई कर सकते हैं।
जूट की खेती करने वाले प्रदेश
जलवायु एवं मिटटी के अनुसार देश में कुछ विशेष फसलों की खेती की जाती है। इन्हीं फसलों में जूट भी शामिल है। पूर्वी भारत के किसान व्यापक स्तर पर जूट की पैदावार करते हैं। जबकि उत्तर प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, पश्चिम बंगाल , असम जुट के अत्यधिक उत्पादक प्रदेशों की सूचि में शामिल हैं।
भारत सरकार ने जूट के दामों में 6% की वृद्धि कर दी है। इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। देश के लगभग एक सौ जिलों में जूट की खेती मुख्य रूप से की जाती है। विश्व के जूट उत्पादन का 50% हिस्सा भारत में होता है। थाईलैंड , बांग्लादेश ,चीन में जूट का उत्पादन होता है।