बैंकों की ओवरड्राफ्ट सेवा क्या होती है, जानें इसके लाभ, हानि एवं ब्याज दरों के बारे में

बैंकों द्वारा संचालित की जा रही ओवरड्राफ्ट सुविधा एक वित्तीय सुविधा है। इस ओवरड्राफ्ट सुविधा को बैंकों ने कोरोना काल में रुपयों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शुरू किया है। आपको बता दें कि, ओवरड्राफ्ट सुविधा वह सुविधा है, जिसके अंतर्गत आप अपने बैंक खाते में पैसा न होने पर भी खाते से पैसा निकाल सकते हैं। बैंकों की तरफ से लोन के समान ओवरड्राफ्ट में भी ग्राहकों के लिए एक तय धनराशि एक तय भुगतान समयावधि के साथ लोन धनराशि के तौर पर स्वीकृत होती है। बस इसके लिए आपको ब्याज का पेमेंट करना होगा।

Apply कैसे करें

इस सुविधा का फायदा प्राप्त करने के लिए आपको बैंकों में जाकर या ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। ज्यादातर बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए ली जाने वाली कुल धनराशि का 1% प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में लेते हैं। बैंक यह सुविधा कुछ विशेष लोगों को अपने आप उपलब्ध कराती है, जबकि कुछ ग्राहकों को इसके लिए आवेदन करना होता है।

EMI में जमा करने की बाध्यता नहीं

लोन के सामान ओवरड्राफ्ट को EMI में जमा करने की आवश्यकता नहीं है। कस्टमर इसका भुगतान समयावधि के भीतर जब चाहें चुका सकता है। वह चाहे तो इसे किस्तों या फिर एक साथ जमा कर सकता है। भुगतान समयावधि पूरी होने से पूर्व ही बिना कोई चार्ज दिए ओवरड्राफ्ट का रिपेमेंट किया जा सकता है। ब्याज की गणना प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। बैंकों के साथ ग्राहक के सम्बन्ध कैसे हैं, इस पर भी काफी हद तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा निर्भर करती है।

ओवरड्राफ्ट सुविधा के प्रकार

ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ अलग-अलग तरह के विकल्पों के अनुसार मिल सकता है। जिसकी योग्यता एवं शर्तें इस प्रकार हैं।

ओवरड्राफ्ट सुविधा होम लोन पर

बैंक होम लोन वाले कस्टमर को ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करते संपत्ति के कुल राशि का 50% से 60% तक ओवर ड्राफ्ट मिल सकता है। इसके लिए कस्टमर की क्रेडिट हिस्ट्री एवं लोन चुकाने की क्षमता का आंकलन किया जाता है।

ओवरड्राफ्ट सुविधा एफडी पर

कोई व्यक्ति अपनी एफडी (सावधि जमा) पर भी ओवरड्राफ्ट ले सकता है। सावधि जमा की कुल धनराशि का 75% तक ओवरड्राफ्ट मिल सकता है। इस पर काम ब्याज लगता है। सामान्य तौर पर बैंक सावधि जमा पर मिल रहे ब्याज से 2% ज्यादा ब्याज लेते हैं।

ओवरड्राफ्ट सुविधा बीमा पॉलिसी पर

आप बैंक के पास अपनी बीमा पॉलिसी को गारंटी के रूप में रखकर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। बीमा कवर के सम-एश्योर्ड के आधार पर ओवरड्राफ्ट की राशि निर्धारित की जाती है।

ओवरड्राफ्ट सुविधा सैलरी अकाउंट पर

अपने सैलरी अकाउंट पर भी नौकरी पेशा वर्ग के लोग ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ ले सकते हैं। वेतन का 2 से 3 गुना तक ओवरड्राफ्ट लिया जा सकता है। जिस बैंक में आपका सैलरी अकाउंट है, उसी बैंक से ओवरड्राफ्ट की सुविधा जल्दी और आराम से प्राप्त की जा सकती है। ग्राहकों को ब्याज का भुगतान केवल उपयोग की गयी राशि पर करना होता है।

ग्राहकों के लिए न्यूनतम वेतनमान सीमा 15 हजार से 25 हजार रूपये है। इस प्रकार के ओवरड्राफ्ट में किसी भी सिक्योरिटी/गारंटी की जरुरत नहीं होती है। कुछ बैंक 4 लाख तक की ओवरड्राफ्ट राशि देते हैं। इस सुविधा के लिए काफी कम कागजी कार्यवाही करनी होती है।

ओवरड्राफ्ट सुविधा सेविंग अकाउंट पर

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए सभी सेविंग अकाउंट 5 हजार रूपये या पिछले माह में उपलब्ध बैलेंस ( जो भी कम हो) की 4 गुना राशि ओवर ड्राफ्ट के तौर पर ले सकते हैं। इसके लिए बैंक अकाउंट 6 माह से एक्टिव होना चाहिए। एवं यह सुविधा परिवार में कमाने वाले सदस्य को ही दी जा सकती है। एवं परिवार का सिर्फ एक ही सदस्य इसके लिए योग्य होता है, विशेषकर महिला। इसमें बैंक अकाउंट के साथ आधार कार्ड लिंक होना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन करने के लिए खाता धारक के पास दुसरा सेविंग अकाउंट भी होना चाहिए। आपको बता दें कि, इस योजना का फायदा KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) वाले व्यक्ति एवं नाबालिक को नहीं मिल सकता है। और इस सुविधा के लिए यहां वार्षिक शुल्क अदा करना पड़ता है। जबकि ब्याज दर बेस रेट 2% से ज्यादा नहीं हो सकता है। साथ ही इस सुविधा को पाने के लिए कोई भी प्रोसेसिंग फ़ीस नहीं लगती है।

सेविंग खाते के लिए ओवरड्राफ्ट का दुसरा बढियाँ उदाहरण- सिटी बैंक अकाउंट है। इसमें आपको 5 लाख रूपये ओवरड्राफ्ट के तौर पर मिल सकते हैं। बैंक ब्याज दर के अलावा न्यूनतम EMI राशि तय करता है। वैसे ग्राहक अपनी सुविधानुसार किसी भी वक़्त EMI की राशि को बढ़ाने का चयन कर सकते हैं। इस योजना में प्री-पेमेंट शुल्क योजना शामिल नहीं होती है।

ओवरड्राफ्ट के लाभ एवं हानियाँ

ओवरड्राफ्ट के लाभ एवं हानियाँ इस प्रकार हैं।

क्रम सं. लाभ हानियाँ
1 बैंकों को किसी भी प्रकार की गारंटी देने की जरुरत नहीं है। लांग टर्म फाइनेंस के लिए उपयुक्त नहीं है।
2 ब्याज का भुगतान सिर्फ इस्तेमाल की गयी धनराशि पर किया जाता है। आवेदक के फाइनेंस पर स्वीकार लिमिट निर्भर करती है।
3 कम कागजी प्रक्रिया। ब्याज दरों में बदलाव के अनुसार ब्याज दर में परिवर्तन होता है।
4 छोटे भागों में कैश का इस्तेमाल। मांग के वक़्त वापस लिया जा सकता है।
5 शार्ट टर्म लोन- हर वर्ष लिमिट में परिवर्तन होता है शार्ट- नोटिस पर पैसा निकाला जा सकता है।
6 आवश्यकता पर नकदी की कमी को तुरंत पूरा करता है। केवल बैंक खाताधारकों को। केवल बैंक खाताधारक को ऑफर किया जाता है।
7 व्यवसाय के कैश फ्लो के मैनेजमेंट में सहायता करता है। ज्यादा ब्याज राशि।

ओवर ड्राफ्ट सुविधा की अन्य जानकारियां

ओवर ड्राफ्ट सुविधा के सम्बन्ध में अन्य जानकारियां इस प्रकार हैं।

  • ओवरड्राफ्ट एक इस तरह की सुविधा है, जिसका फायदा कोई भी बैंक अकाउंट रख कर प्राप्त किया जा सकता है।
  • इस ओवर ड्राफ्ट पर ब्याज लगता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, कैश क्रेडिट अकाउंट या करेंट अकाउंट ज्यादा से ज्यादा 50 हजार रूपये हर सप्ताह ओवर ड्राफ्ट के लिए योग्य हैं। वैसे ये लिमिट व्यक्तिगत ओवर ड्राफ्ट अकाउंट पर लागू नहीं होती है।
  • आजकल काफी सारे निजी बैंक यह सुविधा सेविंग अकाउंट एवं सैलरी अकाउंट धारकों को दे रहे हैं।
  • आपको ओवरड्राफ्ट लिमिट कितनी स्वीकृत की जायेगी। ये अकाउंट हिस्ट्री, भुगतान रिकार्ड या क्रेडिट स्कोर के आधार पर की जाती है।
  • इस पुर्नभुगतान समयावधि को बैंक के द्वारा तय किया जाता है। और इसके अकाउंट को उपयोग करने का पूरा अधिकार होता है।
  • इसे बैंक द्वारा दिए गए शार्ट-टर्म लोन के रूप में भी माना जा सकता है। जिसका भुगतान एक तय समयावधि के अंदर करने की आवश्यकता होती है।

ओवरड्राफ्ट बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली एक लाभदायक सुविधा है। क्योंकि यह रुपयों की आवश्यकता के वक़्त बिजनेस का सहारा बनती है। व्यवसाइयों को सामान्यतौर पर अपने ग्राहकों से भुगतान की राशि पाने के लिए इन्तजार करना पड़ता है।

अनेक बार इसमें विलम्ब हो जाता है। इस बीच रुपयों की आवश्यकता पड़ने पर अपने करेंट ओवरड्राफ्ट की सुविधा से व्यवसायी पैसे निकाल सकते हैं। कोई भी व्यवसायी किसी प्रकार के भुगतान अपने ओवर ड्राफ्ट अकाउंट का चेक भी दे सकता है।

आजकल की बैंकिंग प्रणाली में काफी बैंक सैलरी एवं सेविंग अकाउंट पर ओवर ड्राफ्ट की सुविधा देते हैं। वैसे यह सुविधा हर एक को नहीं दी जाती है। यह सुविधा उन्ही ग्राहकों को दी जाती है, जो निरंतर समय पर पेमेंट करते हैं।

एवं जिनका क्रेडिट स्कोर बढियाँ होता है। वह इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावां इस ओवर ड्राफ्ट सुविधा में एक वार्षिक शुल्क लगता है। और ग्राहक जब भी चाहे इस सेवा को बंद करा सकते हैं।